भारत में आतंकवाद पर निबंध | Essay on Terrorism in India in Hindi
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आतंकवाद पर निबंध | Essay on Terrorism in India
महाकवि प्रसाद ने भारतीय अतीत का गौरव -ज्ञान करते हुए लिखा है।ऐसे हे हिंसक तथा शांतिप्रिय देश भारत में पिछले के दशकों से सांप्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद का बोलबाला हो रहा है। भारत में आतंकवाद का जन्म बंगाल में हुआ। बंगाल में नक्सलवादियों से आरंभ हुए आंदोलन ने हिंसा का रूप ले लिया।
इसी आंदोलन की भांति पंजाब में कुछ सिरफिरे ,धार्मिक मानवता के शिकार लोगों ने प्रथक खालिस्तान की मांग शुरू की। इसका परिणाम हिंसा का पैशाचिक तांडव। इसमें यह संख्य बेगुनाह लोगों की असामयिक मौत हुई। भय असुरक्षा तथा आदम का विषैला वातावरण पनपा। बस से रोककर न निरपराध लोगों को गोली का निशाना बनाया जाना, रेलगाड़ियों में सरेआम हत्याएं होना घरों बाजारों तथा सार्वजनिक स्थानों में बम आदि रखकर बेगुनाहों का खून बहाया-आतंकवाद के ही दुष्परिणाम हैं।
पंजाब की भांति कश्मीर, असम, बिहार उत्तर -प्रदेश के तरके क्षेत्र , त्रिपुरा तथा आंध्र प्रदेश में भी हिंसा का नंगा नाच हो रहा है। हिंसा के इस वातावरण में भारतीय प्रजातंत्र की जड़े ओखली हो गई हैं तथा जन साधारण में सुरक्षा की भावना भी विकसित हो गई है। इस हिंसा के कारण विदेशों में आज भारत की साख गिर रही है। देश की प्रगति के मार्ग में रुकावट उत्पन्न हुई है। भाईचारा तथा एक दूसरे पर विश्वास की भावना शनै : शनै :नष्ट हो रही है और वैमनस्य की खाई बढ़ती जा रही है।
कश्मीर के लड़कों को गुमराह करके पाकिस्तान उन्हें आतंकवादी गतिविधियों का पृशिक्षण देकर भारत भेज रहा है। यह अत्यधिक चिंता का विषय है।
आतंकवाद, को कैसे रोका जाए, इस समस्या के समाधान के लिए सभी प्रयत्नशील हैं। आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार कृत -संकल्प है। टाडा के अंतर्गत आतंकवादियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए कानून बनाया गया है।
पंजाब और कश्मीर में पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों को आशातीत सफलता मिल रही है। इससे धीरे-धीरे आतंकवाद पर विजय पा लेने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए सरकार को तेजी से सीमाओं पर कंटीले तार लगवाने में शीघ्रता करनी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान ही आतंकवादियों का गढ़ है। उसी देश में आतंकवादियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
Essay on Terrorism in India
तथा संहारक एवं घातक हथियारों सहित सैकड़ों आतंकवादी पाकिस्तान में प्रशिक्षण पाकर हमारे देश में आ रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए हम जनता का सहयोग भी परमावश्यक है। आतंकवाद के विरुद्ध जन चेतना जागृत करना भी अपेक्षित है। कश्मीर के अंदर तोड़ फोड़ और जनसंहार का जो तांडव हो रहा है, उसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है।
हमें कश्मीर के गुमराह लड़कों को सही दिशा में प्रवृतत करने के लिए उन्हें पाकिस्तान के गलत इरादों की जानकारी देनी चाहिए और उन्हें देश की मुख्यधारा में लाने का भी प्रयास गंभीरता से किया जाना आवश्यक है। साथ ही साथ आतंकवादी गतिविधियों के विरुद्ध प्रतयक्रमण की नीति अपनानी होगी क्योंकि किसी ने ठीक ही कहा है—शठेशाठयम समाचरेत, अर्थात लातों के भूत बातों से नहीं मानते।,
अनेक गणमान्य व्यक्तियों निरीह नागरिकों तथा बेगुनाह स्त्री- पुरुषों की बलि देने वाले आतंकवाद को भारत से समाप्त करना ही होगा।
आतंकवाद प्रत्येक भारतीय तथा शासन के लिए होली चुनौती है। ऐसी घड़ी में हमारा कर्तव्य है कि हम सहनशीलता, सहिष्णुता, राष्ट्रीय -एकता तथा भाईचारे की भावना का परिचय दें, परंतु साथ ही साथ दृढ़ता एवं विश्वास के साथ इस उग्रवाद का डटकर सामना करना भी आवश्यक है।