पेयजल की समस्या /पेयजल संकट
प्रस्तावना़ .विश्व की कुल आबादी के आदहर प्रतिशत हिस्से को पेयजल उपलब्ध नहीं है विकासशील देशों में प्रतिवर्ष बाइस लाख लोग शुद्ध पेयजल न मिल पाने अथवा समुचित सफाई न होने के कारण काल के ग्रास बन जाते हैं विकासशील देशों की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रदूषित जल के सेवन से फैलने वाले रोगों से ग्रसित है समुचित सफाई व्यवस्था एवं स्वच्छ पेयजल व्यवस्था करा कर ऐसी मौतों को बहुत हद तक रोका जा सकता है
विश्व भर में सत्तर प्रतिशत कृषि के लिए ताजा पानी का इस्तेमाल किया जाता है सिंचाई व्यवस्था में व्याप्त खामियों के कारण साफ प्रतिशत पानी भाप बनकर उड़ जाता है या नदियों या जलाशयों मैं वापस चला जाता है त्रुटिपूर्ण सिंचाई व्यवस्था से जल की बर्बादी तो होती ही है इससे पर्यावरणीय एवं व्यवस्था संबंधी खतरे भी उत्पन्न होते हैं एवं अवांछित पानी भरने के कारण उत्पादन योग्य कृषि भूमि की भी हानि होती है यह पानी मच्छरों की उत्पत्ति का कारण बनता है जिससे मलेरिया के रोग उत्पन्न होते हैं ऐसी समस्या खासकर दक्षिण एशियाई देशों में बढ़ती जा रही है

पेयजल का संकट विश्वव्यापी है
पेयजल की कमी से कई क्षेत्रों में अब तनाव उत्पन्न होने लगा है यह स्थिति खासकर उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया में विकराल रूप धारण करती जा रही है एक अनुमान के अनुसार अगले दो दशकों मैं विकासशील देशों की बढ़ती आबादी के लिए खाधान्न उत्पादन के लिए 17 प्रतिशत अतिरिक्त पानी की आवश्यकता , पेयजल से जूझ रहे 30 प्रतिशत देशों को इस शताब्दी में पानी के जबरदस्त संकट का सामना करना पड़ सकता है वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2025 की दो ,तिहाई आबादी उन देशों में रहने के लिए मजबूर होगी जहां पानी की कमी बहुत अधिक कमी का सामना करना पड़ेगा
एशिया में बहने वाली नदियां घरेलू कचरे एवं औद्योगिक कचरे के कारण सबसे अधिक प्रदूषित हैं राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छा शक्ति के ए भाव एवं एदूरदर्शिता के कारण भविष्य में जल संकट और गहरा सकता है बढ़ते प्रदूषण, जनसंख्या वृद्धि तथा वायुमंडल में तेजी से हो रहे परिवर्तन के कारण प्राकृतिक जल स्त्रोत तेजी से सूखते जा रहे हैं
इस संदर्भ में आपके पास जो सूचनाएं हैं
उद्योगों से उत्पन्न होने वाले कचरे तथा उसमें क्लोरीन अमोनिया हाइड्रोजन सल्फाइड अम्ल जस्ता सीसा पारा आदि विषैले रसायन जल को विषाक्त बनाते हौं यह रसायन पानी में रहने वाले मछलियों के माध्यम से मानव शरीर में पहुंचते हैं इसके अलावा ऐसा पानी के सेवन करने या उसके संपर्क में आने से यह है स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है शवास रोग आंखों के रोग रक्त संचार में गड़बड़ी लकवा आदि दूषित जल के ही परिणाम हैं यही नहीं दूषित पानी का खेतों में सिंचाई के रूम में प्रयोग करने से दूषित तत्व अनाज एवं सब्जियों के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचकर हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं